ये कैसे जाले हैं?
Personal Vs Professional Zone?
क्या आपकी डिग्री आपकी जाती का प्रमाण हो सकती है? या वो सिर्फ और सिर्फ आपकी पढ़ाई का या उसके स्तर का प्रमाण है?
क्या हो अगर कोई कहे की आपकी ये डिग्री स्वर्ण है, ये डायमंड, ये चमार, ये चूड़ा, ये धानक, ये हिन्दू, ये मुस्लिम, ये सिख, ये पंजाबी, ये देहाती, ये शहरी, ये स्लम वाले और ये पॉश इलाके के रईश?
जैसे कुछ भी? यही ना? अभी तक 10वीं, 12वीं, UG (undergraduates), PG (postgraduates), PhD (Doctorate), वैगरह तो आपने सुना होगा? हिंदी, English, इतिहास वैगरह में BA या MA, या किसी विज्ञान के विषय में MSc या MS, या कॉमर्स या इकोनॉमिक्स में MCom वैगरह तो सुना होगा?
डिग्रियाँ जातियों के या धर्म-अधर्म के या किसी खास स्थान में भी प्रदान होती हैं क्या? सोचो अगर ऐसा हो तो क्या हो?
और अगर ऐसा हो रहा हो तो क्या हो? फिर तो नौकरियों में भी शायद ऐसा-सा ही कुछ होगा? या शायद इससे भी कुछ ख़तरनाक? उधोग धँधे भी ऐसे ही चलते होंगे? आपकी नौकरी में या उधोग धँधे ऐसा सा ही या ऐसे से ही कोई कोड होंगे? इन इन कोड के एक साथ आने पर ये बनता है और इन और इन कोड के एक साथ आने पर ये? कोई जाति प्रमाण पत्र जैसे? या कोई धर्म अधर्म जैसी मोहर? किसी खास स्थान जैसा सा वातावरण या माहौल, सिर्फ उन कोढों के अनुसार? सोचो ऐसा हो तो क्या हो?
और अगर ऐसा हो रहा हो तो क्या हो?
तो ये तो था, किसी भी राजनीतिक पार्टी या पार्टियों के उन नेताओं के लिए, जो ऐसे विषयोँ पर बात करना चाहते हैं। या इससे आगे अपने समाज को बढ़ाना चाहते हैं। और राजनीतिक पार्टियों के नेताओं तक ही ये बहस सिमित क्यों हो? इसके माध्यम तो फिर भी आप ही होंगे ना, मीडिया वाले, किसी भी फॉर्म में? तो हो जाओ शुरु।
बिमारियों और सिस्टम के कोढ़ या शौध (Research?), इससे आगे की कड़ी है। आप कैसे अपनी डिग्रीयों के प्रमाण दे पाओगे? और कैसे रिसर्च पेपर या किताब निकाल पाओगे और किन जर्नल्स या पब्लिकेशन्स में, ये उससे भी आगे की कहानी है? अरे! आप तो ambitious हो रहे हैं? अच्छा नहीं है, खास भारतीय नारी या औरत के लिए ऐसी चाह रखना? या ऐसा कोई सँवाद भी करना? क्यों खामखाँ के झगड़ों और लफड़ों को न्यौता दे रहे हो? यही?
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