Online conversations
ऐसे भी बातें होती हैं?
अचनाक से आपका मीडिया बदल जाता है। मीडिया बदल जाता है? ऐसे कैसे?
आप खिड़की से बाहर झाँक रहे हैं और जोर की बारिश हो रही है। फोन उठाते हैं और उसे कैमरे में कैद कर लेते हैं।
आँधी हो, तूफान हो
कड़क्ती हो बिजलियाँ
काली घटा संग अंधेरा
लिए खड़ा आसमान हो
बारिश की हो टिप-टिप
पत्तों की जो हो सर-सर
झूम रही हो डाली-डाली
नहा रहा हो कन-कन
कान लगा, आँख उठा
महसूस कर पल-पल
पावन, पवित, निर्मल
ये अनोखा, अधभूत
प्राकृतिक
सौम्य संगीत निस्छल!
Better than human's creations?
ये कहाँ पहुँचा दिया आपको? काली स्याही से क्यों? नीली से लिखते हैं ना?
अरे! ये तो कहीं पढ़ा-पढ़ा सा लग रहा है ना? ये विडिओ भी देखा हुआ सा?
मगर कहाँ?
तो आप ये ब्लॉग सालों? नहीं, नहीं, दशक से भी ज्यादा से तो नहीं पढ़ रहे? तभी, ऐसा लग रहा है?
Travelogue? A Time Machine? Prompt?
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